मनुष्य के जीवन का रहस्य

मनुष्य के जीवन
प्रकृति और परमात्मा की एक महान सौगात है। जीवन को इस तरह जिया जाना चाहिए कि जीवन स्वयं वरदान बन जाए। बाँस की पोंगरी की तरह है। यदि जीवन में स्वर और अंगुलियों को साधने की कला आ जाए, तो बाँस की पोंगरी भी बाँसुरी बनकर संगीत के सुमधुर संसार का सृजन कर सकती है।

जीवन कैसे चलता है?
सुनेंमनुष्य की आत्मा परम सत्य को जानने के बाद जीवन मुक्ति की अधिकारी हो जाती है और मनुष्य इस संसार समुद्र से पूर्णतया मुक्त होकर पुनः संसार चक्र में नहीं फँसता। अध्यात्म हमारे जीवन की दिशा ही बदल देता है और हमें आत्मा की उन ऊँचाइयों तक ले जाता है जो अकथनीय है।
जीवन का सबसे बड़ा सत्य मृत्यु है। यह सत्य है कि आत्मा अमर है किन्तु हम जो शरीर धारण करते हैं उसकी मृत्यु एक दिन अवश्य होती है
शिवरतन अरोड़ा ने अपनी पुस्तक ‘मनुष्य जीवन का रहस्य‘ में जीवन का रहस्य प्रकट किया है। उन्होंने अपनी छोटी-सी पुस्तक में साधु-सन्तों के प्रवचनों का निचोड़ और मनुष्य जीवन की उपयोगिता के साथ-साथ नैतिक आचरण व स्वास्थ्य के बारे में लिख कर मानव-जीवन पर जो उपकार किया है, वह प्रशसनीय तो है ही, अनुकरणीय भी है।

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