ईश्वर सच में है या नहीं यदि है तो कहां है, कैसा है, तो दिखता क्यों नहीं , जानने के लिए यहा क्लीक करें…
भगवान हैं या नहीं इस बात को लेकर अक्सर बहुत से लोगों में विवाद होता रहता है। कुछ लोग कण-कण में ईश्वर की मौजूदगी पर विश्वास जताते हैं तो कुछ लोग सब कुछ अपनी मेहनत और कर्मों पर निर्भर बताते हैं। यह अंतहीन बहस है और इस पर सदियों से मतभेद चला आ रहा है।आज के युग में भौतिकता अधिक हावी हो गई इसलिए ईश्वर के अस्तित्व को लेकर काफी सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में एक यह कहना होगा कि यदि कोई परमात्मा नहीं है तो उसके विरोध में इतना प्रचार क्यों है? क्या है इसका अर्थ? इसमें तो कोई अर्थ नहीं दिखाई पड़ता, यदि परमात्मा है ही नहीं तो बात खत्म। चिंतित क्यों होना?